UPSC CSE Mains Syllabus: Union Public Service Commission (UPSC) के द्वारा ली जाने वाली Civil Services Examination (CSE) के सिलेबस के बारे में यहाँ पर पूरी जानकारी डीटेल में दी गई हैं और UPSC की आधिकारिक वेबसाइट से सिलेबस को डाउनलोड करने का लिंक भी दिया गया है जहाँ से उम्मीदवार आधिकारिक सिलेबस को डाउनलोड कर सकते हैं। इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अपनी तैयारी सिलेबस के अनुसार करनी चाहिए जो कि UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है हालाँकि यहाँ पर सिलेबस से सम्बंधित पूरी जानकारी डीटेल में दी गई है जहाँ से उम्मीदवार तुरंत सिलेबस देख सकते हैं।
Union Public Service Commission (UPSC) के द्वारा ली जाने वाली Civil Services Examination (CSE) की परीक्षा को पास करने के बाद उम्मीदवारों का चयन Indian Administrative Services (IAS), Indian Police Services (IPS), Indian Foreign Services (IFS) आदि के पदों पर किया जाता हैं जिसके लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और अंत में इंटरव्यू के पास करना होता है जिसके बाद उनका के लिए UPSC के द्वारा किया जाता है इसलिए इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट से सिलेबस को देख लेना चाहिए और पुरानी प्रश्न पत्रों को भी हल करना चाहिए जिससे कि उन्हें इस परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
UPSC CSE Mains Syllabus GS Paper 1
सामान्य अध्ययन पेपर 1 ( General Studies Paper 1): भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज |
1:- कला और संस्कृति:- – भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक समय तक कला रूपों साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू को कवर करेगी। 2:- इतिहास:- – अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक आधुनिक भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, मुद्दे। – स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न हिस्सों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता। – स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर एकीकरण और पुनर्गठन। – दुनिया के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ शामिल होंगी जैसे औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्निर्धारण, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद आदि- उनके रूप और समाज पर प्रभाव। 3:- भारतीय समाज:- – भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता। – महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या और सम्बंधित मुद्दे, ग़रीबी और विकास के मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके उपचार। – भारतीय समाज पर वैश्वीकरण का प्रभाव। – सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता। 4:- भूगोल:- – विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ। – दुनिया भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया भारतीय उपमहाद्वीप सहित)। – दुनिया के विभिन्न हिस्सों में (भारत सहित) में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों के स्थान के लिए ज़िम्मेदार कारक। – भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान, अति महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल स्त्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पतियों और जीवों में परिवर्तन और ऐसे परिवर्तनों के प्रभाव |
UPSC CSE Mains Syllabus GS Paper 2
सामान्य अध्ययन पेपर 2 (General Studies Paper 2): शासन व्यवस्था, संविधान, राज्यव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध |
1. राज्यव्यवस्था और संविधान:- – भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना। – संघ और राज्यों के कार्य और ज़िम्मेदारियों, संघीय ढाँचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसमें चुनौतियाँ। – विभिन्न अंगों के बीच शक्तियों का पृथक्करण विवाद निवारण तंत्र और संस्थान। – अन्य देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना। – संसद और राज्य विधानमंडल- संरचना, कामकाज, कार्य संचालन, शक्तियां को विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाली मुद्दे। – कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली- सरकार के मंत्रालयों और विभाग, दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। – जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ। – विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और ज़िम्मेदारियाँ। – सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध न्यायिक निकाय। 2:- शासन:- – विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पना और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। – विकास प्रक्रियाएँ और विकास उद्योग- ग़ैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका। – शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही, ई गवर्नेंस के महत्वपूर्ण पहलु- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएं और क्षमता, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाय। – लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका। 3:- सामाजिक न्याय:- – केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमज़ोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन, इन कमज़ोर वर्गों के संरक्षण और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, क़ानून, संस्थान और निकाय। – स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे। – ग़रीबी और भूख से संबंधित मुद्दे। 4:- अंतरराष्ट्रीय संबंध:- – भारत और उसके पड़ोसी संबंध। – द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते जिसमें भारतीय शामिल है और/या भारत के हितों को प्रभावित करता हैं। – विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीतिक दल भारत के हितों पर प्रभाव, भारतीय प्रवासी। – महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और उनकी संरचना, जनादेश। |
UPSC CSE Mains Syllabus GS Paper 3
सामान्य अध्ययन पेपर 3 (General Studies Paper 3): प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन भारतीय अर्थव्यवस्था |
1:- भारतीय अर्थव्यवस्था:- – भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोज़गार से संबंधित मुद्दे। – समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे। – सरकारी बजट। – देश के विभिन्न हिस्से में प्रमुख फसल पैटर्न – विभिन्न प्रकार के सिंचाई और सिंचाई प्रणाली, कृषि उपज का भंडारण, परिवहन और विपणन और मुद्दे और संबंधित बाधाएँ, किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी। – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएँ, सुधार, बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे, प्रौद्योगिकी मिशन, पशुपालन का अर्थशास्त्र। – भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- स्कोप और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएँ, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन। – भारत में भूमि सुधार। – अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव। – बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे आदि। – निवेश मॉडल। 2:- विज्ञान और प्रौद्योगिकी:- – विज्ञान और प्रौद्योगिकी- विकास और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उनके अनुप्रयोग और प्रभाव। – विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भर्तियों की उपलब्धियां, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीकी विकसित करना। – आईटी, अन्तरिक्ष, कम्प्यूटर, रोबोटिक, नैनों प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे के क्षेत्र में जागरूकता। 3:- पर्यावरण:- – संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन। 4:- आपदा प्रबंधन:- – आपदा और आपदा प्रबंधन। 5:- अंतरिक्ष सुरक्षा:- – विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध। – आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां पैदा करने में बाहरी राज्य और ग़ैर राज्य अभिनेताओं की भूमिका। – संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की मूल बातें, मनी लॉन्ड्रिंग और इसकी रोकथाम। – सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन- आतंकवाद के साथ संगठित अपराध का संबंध। – विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनका जनादेश। |
UPSC CSE Mains Syllabus GS Paper 4
सामान्य अध्ययन पेपर 4 (General Studies Paper 4): नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति |
1:- नैतिकता और मानवीय सह-सम्बंध:- – मानव कार्यों में नैतिकता का सार निर्धारक और परिणाम। – नैतिकता के आयाम। – नैतिकता- निजी और सार्वजनिक संबंधों में। – मानव मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं के सबक़। – मूल्यों को विकसित करने में परिवार समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका। 2:- अभिवृत्ति:- – सामग्री, संरचना, कार्य, विचार और व्यवहार के साथ इसका प्रभाव और संबंध। – नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण। – सामाजिक प्रभाव और अनुनय। 3:- सिविल सेवा के लिए योग्यता और बुनियादी मूल्य:- – अखंडता, निष्पक्षता और ग़ैर पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा। 4:- भावनात्मक समझ:- – अवधारणाएँ और प्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिताओं और अनुप्रयोग। 5:- भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान। 6:- लोक प्रशासन में सार्वजनिक / सिविल सेवा मूल्य और नैतिकता:- – स्थिति और समस्याएं, – सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधाएँ, – नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में क़ानून नियम, विनियम और विवेक, जवाब देही और नैतिक शासन, शासन में नैतिक और नैतिक मूल्यों को मज़बूत करना, – अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट प्रशासन। 7:- शासन में ईमानदारी:- – सार्वजनिक सेवा की अवधारणा, – शासन और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, – सरकार में सूचना साझा करना और पारदर्शिता, – सूचना का अधिकार, – आचार संहिता, – नागरिक चार्टर, – कार्य संस्कृति, – सेवा वितरण की गुणवत्ता, – सार्वजनिक धन का उपयोग उपयोग, – भ्रष्टाचार की चुनौतियां। 8:-उपरोक्त मुद्दों पर केस स्टडी। |
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